दिलों का फर्क
सदियो के दिलों में आया युगों का फर्क,
संसार चारों दिशाओं में बरसा रहा बर्क;
वाद अनंत मगर संवाद नीरस बिन तर्क,
मोह स्वार्थ लिप्त ह्रदय भाव बिन कर्क।
रणभूमि बन चुके यूरोप अरब तुर्क ईरान,
इमारत शहर दर शहर बन चुकी श्मसान;
आम आदमी...
संसार चारों दिशाओं में बरसा रहा बर्क;
वाद अनंत मगर संवाद नीरस बिन तर्क,
मोह स्वार्थ लिप्त ह्रदय भाव बिन कर्क।
रणभूमि बन चुके यूरोप अरब तुर्क ईरान,
इमारत शहर दर शहर बन चुकी श्मसान;
आम आदमी...