...

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तेरा वो तिल
मेरे यार हसीं तुम लगते हो
नज़रों को हटाना है मुश्किल
तुमको मैं बता दूं क्या सजनी
क्या हाल बनाता तेरा वो तिल
रौनक है तेरे चेहरे की
होंठों की शान बढ़ाता है
तेरे चेहरे के नूर के संग
अपना वो मेल मिलाता है
उसकी बाबत लगता चेहरा
जैसे तारों सा झिलमिल
माथे पे बिंदी लगता है तेरा वो तिल
लगता है औंस वो पत्तों की
जीवन मे जोश सा लगता है
जुगनू सा दिखता रातों का
शोले सा यार सुलगता है
लगता है पागल कर देगा
इतना वो लगता है काबिल
भूल भुलैया जैसा है तेरा वो तिल
© SK
#WritcoQuote #poembysk