नवयुग की ओर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख हवा का मोड़कर,
चल रहे हैं देखो हम।
पतवार तूफ़ानों को सौंपकर,
आँधियों से दोस्ती कर,
खे रहे हैं नाव देखो हम।
मार्ग की बाधाओं को पारकर,
पाँव के काँटें निकालकर,
गंतव्य-पथ पर...
इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख हवा का मोड़कर,
चल रहे हैं देखो हम।
पतवार तूफ़ानों को सौंपकर,
आँधियों से दोस्ती कर,
खे रहे हैं नाव देखो हम।
मार्ग की बाधाओं को पारकर,
पाँव के काँटें निकालकर,
गंतव्य-पथ पर...