...

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बन्धन
तन को बंधन में सब करें
मन कूँ करे ना कोए
जो मन कूँ बंधन करे
तो दुःख काहे को होए

तन के काजे घर बहु पड़े
मन के काजे जग कम पड़ जाये
जो मन कु घर में रखे
तो दुःख काहे को होए

तन बिगड़े सबकु दिखे
मन बिगड़े जाने...