नव वर्ष
इस शीतलहर में हर्ष नहीं,
हम लोगों का नव वर्ष नहीं ।
धरती पर जन-जन डरे हुए,
भोजन कंबल बिन पड़े हुए।
दिखे न रवि संपूर्ण दिवस ।
हम कैसे होंगे? हर्ष -हर्ष ।
सरहद पर सैनिक डटे हुए,
किसान खेतों में पटे हुए।
इस शीतलहर में हर्ष नहीं ,
हम लोगों का नववर्ष नहीं।
अपना...