सफर
छाया जब घना अँधेरा
तब ना दिखे,
चकोर चाँद की
ना रोशनी सूरज की
ना रोशनी किसी गलियारे में
ना कोई फ़रिश्ता सिरहाने पे,
अफसोस घृना तनाव...
तब ना दिखे,
चकोर चाँद की
ना रोशनी सूरज की
ना रोशनी किसी गलियारे में
ना कोई फ़रिश्ता सिरहाने पे,
अफसोस घृना तनाव...