मन मौन व्रत कर अपराध करता है
#अपराध
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
नजाने मन किस बात से डरता है
अपनो के बस्ती में खुद को तन्हा रखता है
क्यों हर ज़ख्म को...
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
नजाने मन किस बात से डरता है
अपनो के बस्ती में खुद को तन्हा रखता है
क्यों हर ज़ख्म को...