...

6 views

उम्र की मंजिल...
कुछ उम्र की पहली मंज़िल थी,
कुछ रास्ते थे अनजान बुहत,

कुछ हम भी पागल थे लेकिन,
कुछ वो भी थे नादान बुहत,

कुछ उस ने भी ना समझाया,
ये प्यार नहीं आसान बुहत,

आखिर हम ने भी खेल लिया,
जिस खेल में थे नुकसान बुहत,

जब बिखर गए तब ये जाना,
आते हैं यहाँ तूफ़ान बुहत,

अब कोई नहीं जो अपना हो,
मिलने को तो हैं इंसान बुहत,

काश वो वापस आ जाए,
ये दिल हैं अब सुनसान बुहत ....
#YearningEchoes
© King Vinay