उम्र की मंजिल...
कुछ उम्र की पहली मंज़िल थी,
कुछ रास्ते थे अनजान बुहत,
कुछ हम भी पागल थे लेकिन,
कुछ वो भी थे नादान बुहत,
कुछ उस ने भी ना समझाया,
ये प्यार नहीं...
कुछ रास्ते थे अनजान बुहत,
कुछ हम भी पागल थे लेकिन,
कुछ वो भी थे नादान बुहत,
कुछ उस ने भी ना समझाया,
ये प्यार नहीं...