...

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जिंदगी ने वफा
जिंदगी ने वफा की कब किसी के साथ हैं, सोच रहा हैं हर कोई यह एक अजीब जाल है,
जान हाजिर है तुम्हारे लिए जो बोला करते थे,
आग में राख हुआ घर मेरा जय उनकी चाल है,
घर छोड़कर अपना वह किसी और घर गए ,
घर उसका संभाल कर उसे ही बुरा बोल गए,
जिन पर मान होता है हमें अक्सर वही छोड़ जाते हैं,
तभी तो इंसानों के घर में जानवर पाए जाते हैं,
सभी के घर में आंखे रखते हैं जिनके दिल में चोर है,
अपने ही हमें मार जाते हैं वह ना कोई और है ,
समय भी बर्बाद हो रहा है पन्ने भी खत्म हो रहे हैं ,
मुझसे तो नहीं हो रहा पता नहीं वह कैसे लिख पाते हैं ।।।।।
अमनदीप कौर।