मुहब्बत
मैरी मुहब्बत हमेशा कायम रही काव्य और शायरी से
क्योंकि उनके लिए जज्बाती छंदो का ज़खीरा
मेरे आस पास हमेशा मंडराता रहा
एक दीप हमेशा जलता रहा मन के आखरी अँधेरे कोने मे
तभी तो मन की बात कागज़ पर उतारने का अवसर मुझे मिलता रहा
क्योंकि उनके लिए जज्बाती छंदो का ज़खीरा
मेरे आस पास हमेशा मंडराता रहा
एक दीप हमेशा जलता रहा मन के आखरी अँधेरे कोने मे
तभी तो मन की बात कागज़ पर उतारने का अवसर मुझे मिलता रहा
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