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प्रकृति की आवाज़।।
#WhisperingNature
क्या तुमने कभी सुना हैं एक मधुर ध्वनि,
जो आती हैं दूर प्रकृति से।
जो मन को लुभाती हैं और अपने आगोश में समाती हैं।
समुंद्र की लहरे, पंछीयों की चहक, हवाओं का,
सुमधुर शोर, नदियों का कल- कल बहता जल।
ये सब साक्षी हैं प्रकृति के आवाज़ की,
वो आवाज़ जो दब जाती हैं, आज के मानवीय साधनों की शोरों में।
मगर फिर भी कानों को सुकून नहीं दे सकते,
ये मानवीय संसाधनों के शोर।
बस तनाव उत्पन्न कर देते हैं ये और कर देते मनुष्य को अधमरा।
इन शोरों का ही इलाज़ हैं प्रकृति की कोलाहल।
जो दबी हैं परन्तु हैं शांत, मधुर और मनलुभावन।।...
© ।। साक्षी_बर्मन।।
____________________
शीर्षक:- प्रकृति की आवाज़।।
#mythoughts #Nature
#Whispering Nature
#writing contest
#writer
#writcoapp #writcowrites
क्या तुमने कभी सुना हैं एक मधुर ध्वनि,
जो आती हैं दूर प्रकृति से।
जो मन को लुभाती हैं और अपने आगोश में समाती हैं।
समुंद्र की लहरे, पंछीयों की चहक, हवाओं का,
सुमधुर शोर, नदियों का कल- कल बहता जल।
ये सब साक्षी हैं प्रकृति के आवाज़ की,
वो आवाज़ जो दब जाती हैं, आज के मानवीय साधनों की शोरों में।
मगर फिर भी कानों को सुकून नहीं दे सकते,
ये मानवीय संसाधनों के शोर।
बस तनाव उत्पन्न कर देते हैं ये और कर देते मनुष्य को अधमरा।
इन शोरों का ही इलाज़ हैं प्रकृति की कोलाहल।
जो दबी हैं परन्तु हैं शांत, मधुर और मनलुभावन।।...
© ।। साक्षी_बर्मन।।
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