खूबसूरती तो है!
खूबसूरती तो है!
बचत भी करूं पैसे की?
यह तो आता है और जाता है!
फिर सारी चिंताओं का कारण;
करीबियों से दुश्मनी देता
जरूरत से ज्यादा है ।
खूबसूरती तो है!
क्या करूंगी ज्ञान लेकर ?
फूली फिरती रहूं ?
गाली दे तो चुप गूंगी रहूं ?
अंदर ही अन्दर घूंट घूंट मरती रहूं?
ना बाबा ना,...
बचत भी करूं पैसे की?
यह तो आता है और जाता है!
फिर सारी चिंताओं का कारण;
करीबियों से दुश्मनी देता
जरूरत से ज्यादा है ।
खूबसूरती तो है!
क्या करूंगी ज्ञान लेकर ?
फूली फिरती रहूं ?
गाली दे तो चुप गूंगी रहूं ?
अंदर ही अन्दर घूंट घूंट मरती रहूं?
ना बाबा ना,...