...

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ऐसे क्यों
ऐसे क्यों ,,
मन ही मन कहानी उम्मीदें
दिन रात के अल्फाज़ शिकवे हम भी अकेले हैं,,
ऐसे क्यों
हम भी ग़ज़ब है बातें खुद की लिखती हूं
ऐसे क्यों
कब तक नाराज़ रहोगे या मुझे भूलने दें
ऐसे क्यों