यादों की बारिश
कटोरी मे बारिश की बूंदे धीरे-धीरे भर रही है
चोरी से बादलो के पीछे चाँदनी बिखर रही है
और हवा का झोंका लहरा रहा है वादियों को
मानो कोई हसीना आईने के आगे संवर रही है
धीमे धीमे गिली मिट्टी मे एक महक उभर...
चोरी से बादलो के पीछे चाँदनी बिखर रही है
और हवा का झोंका लहरा रहा है वादियों को
मानो कोई हसीना आईने के आगे संवर रही है
धीमे धीमे गिली मिट्टी मे एक महक उभर...