प्यारा बचपन
आओ फिर से हम बचपन में जाते हैं
गुजरे लम्हे फिर से सजाते हैं
बचपन की बात ही कुछ निराली थी
जो खो गई है अब बेफिक्र उसे ढूंढ लाते हैं
बिना समझ के भी हम कितने सच्चे थे
क्या वो दिन थे , हम जब बच्चे थे
प्रिय बचपन।
इतने दिनों बाद आज तुम्हारी याद बहुत आ रही है।
क्या वह समय था...
गुजरे लम्हे फिर से सजाते हैं
बचपन की बात ही कुछ निराली थी
जो खो गई है अब बेफिक्र उसे ढूंढ लाते हैं
बिना समझ के भी हम कितने सच्चे थे
क्या वो दिन थे , हम जब बच्चे थे
प्रिय बचपन।
इतने दिनों बाद आज तुम्हारी याद बहुत आ रही है।
क्या वह समय था...