...

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ये दिल
ये टूटा दिल संभल क्यों नहीं जाता,
जो कल था आज बदल क्यों नहीं जाता।।

क्यों जरूरी हैं,तुमसे मुलाकात समझ,
कैसे बीती होगी तुम बीन रात समझ।।

अल्फाजों से सबकुछ बया नहीं होता,
तू मेरे लब्ज नहीं मेरे जज्बात समझ।।

ये बेकरारी ये कसक ये जुनून इश्क हैं,
वो तेरी बाहों का सुकून इश्क हैं।।

कि मुहब्बत ने कुछ ऐसा काम कर दिया,
तुमको सोच सुबह से शाम कर दिया।।

वो मेरा मिलने को तरसना इश्क हैं,
वो तेरा खुल के बरसाना इश्क हैं।।

मेरा तुझे लिख लिख के कागजों पर मिटाना
इश्क हैं,तेरा अनकही सुन पाना इश्क हैं।।

वो आया भी मेरे हिस्से में कुछ इस कदर
दूर हर दर्द और गम उसने तमाम कर दिया।।

मेरा इंतजार में बिखरना इश्क हैं,तेरा दीद पर
निखरना इश्क हैं,ये इश्क हैं जालिम एक बार,

हो जाए,तो जहन से कभी जाता नहीं अगर
चला गया तो वो इश्क कहलाता नहीं।।