तू बारिश की बूँदें
तू बारिश की बूँदें जो पिघलता कहीं है।
मै वो बादल आवारा जो ठेहराता वंही है।
हवाओं के शहेर में यूं मिलना हमारा,
मै मौसम मोहब्बत का,जो बदलता नही है।
© amitsingshayar_
मै वो बादल आवारा जो ठेहराता वंही है।
हवाओं के शहेर में यूं मिलना हमारा,
मै मौसम मोहब्बत का,जो बदलता नही है।
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