रक्तरंजित ही चल पड़ी वो
रक्तरंजित ही चल पड़ी वो
महादेव की पावन धरती पर,
हरकत ये कैसी नापाक हुई,
दरिंदगी का तो दौर है साहब,
लेकिन इंसानियत तार तार आज हुई।
12 साल की बेटी थी वो,
पीड़िता उसका नया नाम होगा,
किसी से मिलकर सहम ही जाना,
अब उसका रोज का काम होगा।
दरिंदगी झेल सड़क पर पड़ी वो,
रक्तरंजित ही फिर चल पड़ी वो,
कैसे न...
महादेव की पावन धरती पर,
हरकत ये कैसी नापाक हुई,
दरिंदगी का तो दौर है साहब,
लेकिन इंसानियत तार तार आज हुई।
12 साल की बेटी थी वो,
पीड़िता उसका नया नाम होगा,
किसी से मिलकर सहम ही जाना,
अब उसका रोज का काम होगा।
दरिंदगी झेल सड़क पर पड़ी वो,
रक्तरंजित ही फिर चल पड़ी वो,
कैसे न...