कौन कौन...
ये भी है इक नशा , मुझे पढ़ता है कौन कौन
मेरी सोच वाली सीढ़ी ,चढ़ता है कौन कौन
ग़र हवा के झोंके...
मेरी सोच वाली सीढ़ी ,चढ़ता है कौन कौन
ग़र हवा के झोंके...