...

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ये इश्क भी क्या चीज
पहले भी तकरार हुई थी,पहले भी हम टूटे थे,
पर इससे पहले एक दूजे से हम इतना कहां रूठे थे?

मुझसे रिश्ता तोड़ने के पहले कम से कम
एक बार देख लिया होता
किस कदर तेरा रूप बसा है मेरे दिल के आईने में

तुम्हारे लाख नफरत के बाद भी
तेरे लिए मेरे दिल में वफा है
तेरा हर सितम हंस के सह लेंगे
इतना प्यार हम तुमसे करते है

उस दिन मुझको सबसे गहरा जख्म लगा था
जिस दिन तुमने खूब सिंगार किया था
और एक बार भी मेरी ओर मुड़ कर नहीं देखा

इतना सब होने के बाद भी
आज भी मुझको यकीं है
की मेरे दर्द-ए-दिल का कुछ तुझको पता नहीं है

मैं चाहूं तो तुझको भूल भी सकता हूं
पर तुम इतनी मासूम हो कि
तुझको भूल कर हमसे होगी कोई बड़ी खता

इस टूटे हुए दिल से मैं आज भी तेरा इंतजार करता हूं
और यह सोचता हूं कि कुछ अजूबा हो जाए
और तुम मुझको कुछ समझ सको

मैं तुमसे जुदा होकर इतना टूट चुका हूं
जैसे कोई शीशा टूट कर चूर चूर हो जाता हो
और टूट कर इधर उधर बिखर जाता है
© shiva