अश्क
#tranding #shadowpoem
वफादारी इन अश्कों की अब हम क्या बताए
अपने आप से मक्कारी अब हम क्या छुपाए
क्यों है ये ऐसे क्यों है तन्हा
राज़ इनके गुम होने का हम क्या ही सुलझाए
जो हाल ए दर्द बया कर दे
ये मुजरिम है या मजलूम हम क्या ही सुझाए
वफादारी इन अश्कों की हम क्या ही बताए
© shadow
वफादारी इन अश्कों की अब हम क्या बताए
अपने आप से मक्कारी अब हम क्या छुपाए
क्यों है ये ऐसे क्यों है तन्हा
राज़ इनके गुम होने का हम क्या ही सुलझाए
जो हाल ए दर्द बया कर दे
ये मुजरिम है या मजलूम हम क्या ही सुझाए
वफादारी इन अश्कों की हम क्या ही बताए
© shadow