...

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क्या कुछ असंभव है तुम बोलो...
#पग-पग
पग -पग धरती पग -पग अम्बर
क्या कुछ ना है पग -पग बोलो
पग- पग अनिल व पग -पग सलिल
क्या कुछ असंभव है तुम बोलो
धरती तेरी, अम्बर तेरा,
तू खिलखिलाता हुआ सितारा,
अंदाज से तेरे बदले जग सारा,
पग-पग कलियाँ, पग - पग नदियाँ
क्या न तेरा है तुम बोलो,
हिम बन जाय बहता नीर
रख बस थोड़ा सा तू धीर
नहीं समय से बड़ा कोई वीर
पग - पग उपवन, पग-पग हिमनद
क्या तू न उगता हुआ सवेरा,
पग -पग धरती पग -पग अम्बर
क्या कुछ ना है पग -पग बोलो
पग- पग अनिल व पग -पग सलिल
क्या कुछ असंभव है तुम बोलो....



© Jyoti Kanaujiya