कविताओं का इतवार
हर दफा जहन में उथल-पुथल मचा जाते हैं ये आधे-अधूरे शब्द,
जाने कब से कविताएं...अपने हिस्से का इतवार ढूंढ...
जाने कब से कविताएं...अपने हिस्से का इतवार ढूंढ...