क्या लिखूं तुझ पर
क्या ही लिखूं तुझ पर,
तूने मुझे लिखा है;
ये कलम भी टूट गया,
तुझ पर क्या लिखूं ||१||
शब्द कम पड़ गए,
पर प्यार नहीं;
अपना लो इस तरह की,
दिल की धड़कन बना लो उस तरह ||२||
तुम्हारी यादों ने,
इस चेहरे पर...
तूने मुझे लिखा है;
ये कलम भी टूट गया,
तुझ पर क्या लिखूं ||१||
शब्द कम पड़ गए,
पर प्यार नहीं;
अपना लो इस तरह की,
दिल की धड़कन बना लो उस तरह ||२||
तुम्हारी यादों ने,
इस चेहरे पर...