सिर्फ तुम
इस ज़माने से हमने तुम्हें चुराया है,
तुम्हारे दिल में खुद को बसाया है।
तन्नहा थे हम, तुम हमसफ़र बन कर आये,
इस राज़ को हमने जमाने से छुपाया है।
आंख थी खुली, नींद थी न आंखों में,
कैसे कहूं...
तुम्हारे दिल में खुद को बसाया है।
तन्नहा थे हम, तुम हमसफ़र बन कर आये,
इस राज़ को हमने जमाने से छुपाया है।
आंख थी खुली, नींद थी न आंखों में,
कैसे कहूं...