नींव की दरारें
#जीवनमेंदरारें
इमारतों की दीवारें खड़ी थीं बुलंद
मगर नीचे, नींव में छुपी थी उसकी कमजोरी।
नजरें टिकीं थी ऊंचाई पर,
पर किसी ने नहीं देखा ज़मीन के पार।
🖤
पहली दरार आई थी बहुत ही हल्की सी,
धूल में छुपी, जैसे हो एक रेखा पतली सी।
"कुछ नहीं," कहकर सबने अनदेखा कर दिया,
शायद सबने वक्त की मार समझ लिया।
🖤
फिर आई बारिश, फिर चला तेज़ हवा का झोंका,
नींव ने धीरे-धीरे दम तोड़ना शुरू किया।
दरारें बड़ी होने...
इमारतों की दीवारें खड़ी थीं बुलंद
मगर नीचे, नींव में छुपी थी उसकी कमजोरी।
नजरें टिकीं थी ऊंचाई पर,
पर किसी ने नहीं देखा ज़मीन के पार।
🖤
पहली दरार आई थी बहुत ही हल्की सी,
धूल में छुपी, जैसे हो एक रेखा पतली सी।
"कुछ नहीं," कहकर सबने अनदेखा कर दिया,
शायद सबने वक्त की मार समझ लिया।
🖤
फिर आई बारिश, फिर चला तेज़ हवा का झोंका,
नींव ने धीरे-धीरे दम तोड़ना शुरू किया।
दरारें बड़ी होने...