दीवार
दीवार पर तलवार चलाते हो, खुद ही कराहते हो
दुनिया से नज़रे चुराते हो, आईने से मुस्कुराते हो
अकेलेपन का आहार करते हो
किसीका इंतज़ार करते हो
रूह का...
दुनिया से नज़रे चुराते हो, आईने से मुस्कुराते हो
अकेलेपन का आहार करते हो
किसीका इंतज़ार करते हो
रूह का...