...

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कोटि-कोटि प्रणाम।।
यह भारत भूमि!
जिसका युगों-युगों से है सम्मान,
ऐसी भारत भूमि को करूं,
कोटि-कोटि प्रणाम !

हुई जीत सत्य ,धर्म और नीति की,
रघुकुल की पवित्र कीर्ति की,
जन्में जब कृपा निधान।
ऐसी भारत भूमि को करूं,
कोटि-कोटि प्रणाम।।

जब कंस मामा का पाप बढ़ा,
हर ओर पापियों का शोर बढ़ा,
आई तब देवकी की आठवीं संतान।
ऐसी भारत भूमि को करूं
कोटि-कोटि प्रणाम।।

ऋषि मुनियों का देश रहा है
नृत्य ,संगीत सब विशेष रहा है,
यहीं शुरू हुआ योग और ध्यान।
ऐसी भारत भूमि को करूं
कोटि-कोटि प्रणाम ।।

हर भाषा अपने में प्रसिद्ध है,
संस्कृत से ही सब सिद्ध है,
यहां की हर भाषा है महान।
ऐसी भारत भूमि को करूं
कोटि-कोटि प्रणाम।।

मंदोदरी ने...
सौम्या तिवारी
© soumya.tiwari
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