...

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नारी
बेखौफ बेखबर सी मैं यहां नारी
हयात के सफर में ..तन्हा तन्हा नारी
हसरत दिल में... कई अरमानों की लिए
हंसी की इल्तिज़ा करती बे इंतिहा.... नारी
लब्ज़ मैं लिहाज मैं पूरा ये जहां नारी
उल्फत ए वस्ल की एक एक ज़ुबान नारी
मजबूर हूं तम्मनाओं की मंजिल पाने को अपनी
सुकून के तबस्सुम को भटकती ..मैं जहां तहां नारी
- Swapna Sharma