...

5 views

कोई शाम चाय पर मिलती होंगी...
सपनों में,
आना जाना
बढ़ गया है
तुम्हारा

तुम्हें भी शायद
हिचकियाँ
सताती होंगी

सर्दियां
गले से लगा लेती
धूप देख तुम्हें
मुस्कुराती होंगी

पावों में
बेजान सी पड़ी रहती होंगी
बिछियां तुम्हारी
उन्हें ही ताकता
बैठा सोच मुझे
हर सांस,
निखर सी जाती होंगी

जिंदगी के
कितने ही
पहलू ,
कितने ही हिस्सों...