मौन प्रेम
कौन सहेजता है किसी के जज्बात शिद्दत से
और जो सहेजने लगे छोटी छोटी सी बातों को
लम्हों को शब्दों को,,,
तो बस वही प्रेम है
मैंने अक्सर तुम्हारी आवाज़ को बार बार सुना है
मैंने...
और जो सहेजने लगे छोटी छोटी सी बातों को
लम्हों को शब्दों को,,,
तो बस वही प्रेम है
मैंने अक्सर तुम्हारी आवाज़ को बार बार सुना है
मैंने...