...

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आईना
यूं ही नहीं आईना हूं मै,
तुमको तुमसे मिलवाता हूं,
हस्ते हो तो साथ मैं भी हस जाता हूं,
रोकर तुम्हारे साथ दुख मैं भी बटवाता हूं,
कभी पूरा दिन नजरंदाज,
तो कभी मिनट मिनट पर बतियाता हूं,
कर लूं लाख कोशिश बदलने की पर खुद को तुम जैसा ही पाता हूं,
करते तुम कुछ गलती
तो उन गलतियों से भी रूबरू करवाता हूं,
छुपा न सकोगे कोई राज मुझसे
आखिर में तुम्हारा ही तो साया हूं,
यूं ही नहीं मैं आईना कहलाता हूं
यूं ही नहीं मैं आईना कहलाता हूं।।

© t@nnu