बेटी!
ममता की मूरत और इक मखमली चादर का एहसास होती है बेटी!
अपनी माँ की परछाई और सिर का ताज होती है बेटी!!
इक पिता की लाडली, और गुरुर होती है बेटी!
पूरे परिवार की शान और सबका अभिमान होती है बेटी!
यूँ तो ये सच है कि वो करती है, किसी और के कुल को रोशन, पर ना करो उसे खुद से दूर, तुम्हारा ही तो अशं है इक बेटी!
ऐ रिति - रिवाजों में सिमटे दकियानूसी समाज तू तो विदा कर देता है इक बेटी को पल भर में, पर कभी सोचा है बिना शिकायत किये, सारे नये रिश्तों को पूरे मन से निभाती और इक नया आयाम देती है इक बेटी!!
माता-पिता से अपना हर...
अपनी माँ की परछाई और सिर का ताज होती है बेटी!!
इक पिता की लाडली, और गुरुर होती है बेटी!
पूरे परिवार की शान और सबका अभिमान होती है बेटी!
यूँ तो ये सच है कि वो करती है, किसी और के कुल को रोशन, पर ना करो उसे खुद से दूर, तुम्हारा ही तो अशं है इक बेटी!
ऐ रिति - रिवाजों में सिमटे दकियानूसी समाज तू तो विदा कर देता है इक बेटी को पल भर में, पर कभी सोचा है बिना शिकायत किये, सारे नये रिश्तों को पूरे मन से निभाती और इक नया आयाम देती है इक बेटी!!
माता-पिता से अपना हर...