...

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तुम
जाने कब वो शाम होगी,
वो शाम जब तुम करीब हो,
जब हो हम अपने आशियाने में,
वो शाम जब चांद मिले, और तारे चमके हमारे घराने में,
वो शाम जब दीपक से रौशन हो चारों कोने,
वो शाम जब तुम मेरे करीब हो, जब तुम मुझमें मिल जाओ,
मिल जाओ जैसे पानी में शक्कर।।

जाने कब वो सुबह होगी,
वो सुबह जब तुम साथ हो,
पहली छवि हो तेरी मेरी इन आंखों में,
वो सुबह जब तुमसे मिलने का इंतजार न हो,
वो सुबह जिसके हर पल में तुम साथ हो,
वो सुबह जब चिड़ियों के जागने से पहले तुम मुझे उठाओ,
वो सुबह जब तुम्हारे घर में मंदिर में आरती करते मेरे आवाज गूजे।।

जाने कब वो रात होगी,
वो रात जिसमे दिन भर की परेशानियां हम एक दूसरे को बताए,
वो रात जिसमे एक दूसरे की हर मर्ज की दवा बने,
वो रात जिसमे खुल के जिऊ मैं, मैं जिऊ तेरे पास होने से,
वो रात जिसमे समेट ले हम हर खुशी अपनी बाहों में,
जाने कब वो वक्त और दिन होगा,
जिसमे हम साथ होगे।।
© @priya