तुम
जाने कब वो शाम होगी,
वो शाम जब तुम करीब हो,
जब हो हम अपने आशियाने में,
वो शाम जब चांद मिले, और तारे चमके हमारे घराने में,
वो शाम जब दीपक से रौशन हो चारों कोने,
वो शाम जब तुम मेरे करीब हो, जब तुम मुझमें मिल जाओ,
मिल जाओ जैसे पानी में शक्कर।।
जाने कब वो सुबह होगी,
वो सुबह जब तुम साथ हो,
पहली छवि हो तेरी मेरी इन आंखों...
वो शाम जब तुम करीब हो,
जब हो हम अपने आशियाने में,
वो शाम जब चांद मिले, और तारे चमके हमारे घराने में,
वो शाम जब दीपक से रौशन हो चारों कोने,
वो शाम जब तुम मेरे करीब हो, जब तुम मुझमें मिल जाओ,
मिल जाओ जैसे पानी में शक्कर।।
जाने कब वो सुबह होगी,
वो सुबह जब तुम साथ हो,
पहली छवि हो तेरी मेरी इन आंखों...