...

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दर्द-ए-जुदाई
किसी को टूटकर चाहोगे तो बिखर जाओगे,
छोड़ा जो तेरा साथ तो फ़िर किधर जाओगे।

मोहब्बत ने कितनों की पाकीज़गी छीनी है,
सुनकर ये दर्द भरी दास्तान तुम डर जाओगे।

मैं ये नहीं कहता कि मोहब्बत न करना यारों,
पर बदलें में उम्मीद ना रखी तो तर जाओगे।

वक्त रहते ना मानी अगर सीखें बुजुर्गो की तो,
एक दिन ख़ुद की नज़रों से ही उतर जाओगे।

आसा नहीं दर्द-ए-जुदाई सह पाना "पुखराज"
बयां न किया दर्द तो घुट-घुटकर मर जाओगे।

© पुखराज