प्रेम का इत्र लगाकर
अंग-अंग उत्तेजित कर दिया है आगोश में आकर।
मेरी महफ़िल महका दिया है तुमने इत्र लगाकर।
बेजान, 'पागल' पड़ा था तेरी राहों में मुंतज़िर बन,
मगर जान डाल दिया तुमने मेरी रुह में...
मेरी महफ़िल महका दिया है तुमने इत्र लगाकर।
बेजान, 'पागल' पड़ा था तेरी राहों में मुंतज़िर बन,
मगर जान डाल दिया तुमने मेरी रुह में...