" साल समापती की गूंज "
ना कुफ़र करें ..
ना नफर करें ..
फिर ना झूठ की हम डगर पड़ें !!
बीती का कर शुकराना 🤲 ..
नई पग डंडी पर, अब नज़र धरें !!
ना ज़हर भरें ..
ना कहर...
ना नफर करें ..
फिर ना झूठ की हम डगर पड़ें !!
बीती का कर शुकराना 🤲 ..
नई पग डंडी पर, अब नज़र धरें !!
ना ज़हर भरें ..
ना कहर...