...

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तीन रत्न
पास है मेरे तीन रत्न
सब ही, दिल के करीब
विशेष रूप से आये बनकर
सम्मान देता हूँ अधिक |
गलत राह पर जाने से
ये सही दिशा दिखाते हैं
अगर हो जाऊ परेशान तो
प्रेम भाव से समझाते हैं |

विशेषता तो इतनी है कि
कट जाएगी रात,
विकट परिस्तिथियों में भी ना
छोड़ेंगे मेरा साथ |

आये अनेको मित्र नाम पर
दे गये मुझको धोखा ,
पर कुछ जिन्दा दिल अभी भी हैं
जो मिलने को ढूंढ़ते मौका|

बन्धुत्व शब्द का सही अर्थ
इन्होंने ही बताया है ,
मैंने तो सिर्फ पद्य लिखकर
सच्चे रूप दिखाया है |













© अविनाश कुमार साह
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