बाल विवाह कि गुड़िया
@rohit
आज फिर किसी बच्छी का जिंदगी लूट गया, जिस हाथ में मिट्टी का गुड़िया होना था उसमें आज फूलो का फंदा पड़ गया।
बचपन में पिता ने कहा था पढ़ा कर तुम्हें काबिल बनाऊंगा, अच्छा सा वर ढूंढकर धूमधाम से सादी रचाऊंगा पर पिता कि नामौजूदगी ने मां से उनका वादा टूट गया और 12 साल कि बच्ची को 25 का वर मिल गया।
जिस उम्र में उसे दुनिया देखना था उस वक्त उसकी दुनिया आंगन में सिमट गई,जिस वक्त मां का लोरिया सुनना था उस वक्त सांस ननद का ताना सुनने को मिल गई।
जो हाथ पहले पन्नो पर सुंदर गोल छाप छोड़ती थी वो आज गोल रोटियां बनाने में व्यस्त हो गई,जो मन पहले किताबों में लगता था वो आज पति कि सेवा में समर्पित हो गया।
"आज फिर किसी बच्ची कि जिंदगी मेरी ही तरह उजड़ेगा,बचा लो उसको"
आज फिर किसी बच्छी का जिंदगी लूट गया, जिस हाथ में मिट्टी का गुड़िया होना था उसमें आज फूलो का फंदा पड़ गया।
बचपन में पिता ने कहा था पढ़ा कर तुम्हें काबिल बनाऊंगा, अच्छा सा वर ढूंढकर धूमधाम से सादी रचाऊंगा पर पिता कि नामौजूदगी ने मां से उनका वादा टूट गया और 12 साल कि बच्ची को 25 का वर मिल गया।
जिस उम्र में उसे दुनिया देखना था उस वक्त उसकी दुनिया आंगन में सिमट गई,जिस वक्त मां का लोरिया सुनना था उस वक्त सांस ननद का ताना सुनने को मिल गई।
जो हाथ पहले पन्नो पर सुंदर गोल छाप छोड़ती थी वो आज गोल रोटियां बनाने में व्यस्त हो गई,जो मन पहले किताबों में लगता था वो आज पति कि सेवा में समर्पित हो गया।
"आज फिर किसी बच्ची कि जिंदगी मेरी ही तरह उजड़ेगा,बचा लो उसको"