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कोई जी के तो बटाए
खामोश कोई होठों से ,
कोई मन में गुनगुनाए,
हम कैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बटाए,हम कैसे जी रहे हैं कोई___
साफ है कोई दिल से,
कोई सफाई दे जाए,
कुछ बेवस हालातों में,
कोई साथ छोड़ जाए,
हम कैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बटाए, हम कैसे जी रहे हैं___
मजबूरी है जो दिल की होठों से ना कह पाए,
खुद के पास होने पर भी कोई गुम हो जाए,
हम कैसे जी रहे हैं कोई जी के तो दिखाए।।
कोई मन में गुनगुनाए,
हम कैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बटाए,हम कैसे जी रहे हैं कोई___
साफ है कोई दिल से,
कोई सफाई दे जाए,
कुछ बेवस हालातों में,
कोई साथ छोड़ जाए,
हम कैसे जी रहे हैं कोई जी के तो बटाए, हम कैसे जी रहे हैं___
मजबूरी है जो दिल की होठों से ना कह पाए,
खुद के पास होने पर भी कोई गुम हो जाए,
हम कैसे जी रहे हैं कोई जी के तो दिखाए।।
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