दिल का आलम
देखा जब उसने हमें पहली दफ़ा,
छोड़ आये हम दिल वहीं उसी राह,
होने लगा अब रोज़ इंतज़ार उसका,
कभी तो टकराये वो फिर उसी राह,
खत्म हुआ तब सूखा इंतज़ार का,
वो देखते ही हमको ठहर सा गया,
फिर बढ़ाया हमने कदम उसकी ओर,
वो भी आया चलकर कुछ हमारी...
छोड़ आये हम दिल वहीं उसी राह,
होने लगा अब रोज़ इंतज़ार उसका,
कभी तो टकराये वो फिर उसी राह,
खत्म हुआ तब सूखा इंतज़ार का,
वो देखते ही हमको ठहर सा गया,
फिर बढ़ाया हमने कदम उसकी ओर,
वो भी आया चलकर कुछ हमारी...