जरा सा:रखा रह गया प्यार
बस रह गया।
अब ये नया भी अकेला सा।
खड़ी हैं दास मीनारो सी,
जानो फिर भी रह गयी आस,कुम्हारों सी।
अकेला ये मंजर जर सा हैं,
अब मीनारो का मूल इसी समझ का।...
अब ये नया भी अकेला सा।
खड़ी हैं दास मीनारो सी,
जानो फिर भी रह गयी आस,कुम्हारों सी।
अकेला ये मंजर जर सा हैं,
अब मीनारो का मूल इसी समझ का।...