एक खत उसके नाम।
कुछ तो है उसके और मेरे बीच
अक्सर नम आंखों से वो खुद से दूर रहने को कहती है,
पास बुलाकर अक्सर चले जाने को कहा करती है,
कुछ बातें होती नही हमारी लेकिन,
अक्सर खामोशियों का पढ़ लिया करती है,
ना इजहार है कभी, न मुलाकात है कभी,
फिर भी ना जाने मुझे समझ लिया करती है,
की,
कुछ आंखो की बाते मेने भी पड़ी है उसकी,
पास आने की चाहत देखी है मेने उसकी,
उसके...
अक्सर नम आंखों से वो खुद से दूर रहने को कहती है,
पास बुलाकर अक्सर चले जाने को कहा करती है,
कुछ बातें होती नही हमारी लेकिन,
अक्सर खामोशियों का पढ़ लिया करती है,
ना इजहार है कभी, न मुलाकात है कभी,
फिर भी ना जाने मुझे समझ लिया करती है,
की,
कुछ आंखो की बाते मेने भी पड़ी है उसकी,
पास आने की चाहत देखी है मेने उसकी,
उसके...