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हौसले जुदा जुदा
एक से दर्द हैं हौसले जुदा जुदा
कोई पस्त हालात से कोई हिम्मत से जुटा
अपनी अपनी सोच है अपनी अपनी राह
कोई तलबगार दौलत का किसी ने दिया सब लुटा
कोई चाहे रब को पाना कोई सुख ज़िन्दगी का
कोई खोया मोह माया में किसी ने किया रुख़ बंदगी का
परेशानियों से जूझने का अपना अपना नज़रिया
कोई रहे बेचैन ताउम्र कोई माने रब की रज़ा
मंज़िल सबकी एक है रास्ते जुदा जुदा
कोई करे बुतपरस्ती कोई सजदे में झुका
© अमरीश अग्रवाल "मासूम"
कोई पस्त हालात से कोई हिम्मत से जुटा
अपनी अपनी सोच है अपनी अपनी राह
कोई तलबगार दौलत का किसी ने दिया सब लुटा
कोई चाहे रब को पाना कोई सुख ज़िन्दगी का
कोई खोया मोह माया में किसी ने किया रुख़ बंदगी का
परेशानियों से जूझने का अपना अपना नज़रिया
कोई रहे बेचैन ताउम्र कोई माने रब की रज़ा
मंज़िल सबकी एक है रास्ते जुदा जुदा
कोई करे बुतपरस्ती कोई सजदे में झुका
© अमरीश अग्रवाल "मासूम"
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