...

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सबाल और गुजारिश....❤️
मोहब्बतों से मेरा कोई वास्ता नहीं था!
मुझे तो याद चाहतों का रास्ता नहीं था!!

तुम आये तो ज़िन्दगी मुस्कुराई थी!
फ़िर चलने लगी शीतल पुरवाई थी!!

तुमने हौले से जब कदम बढ़ाए थे!
पैर मेरे भी थोड़ा सा कंपकंपायें थे!!

नज़रों से नज़रों की मुलाक़ात हो गयी!
आंखों आंखों में दिल की बात हो गयी!!

तेरे ख़्यालों में पागल सी रहने लगी थी!
"तुम मेरे हो" ये सबसे कहने लगी थी!!

शाम ओ सहर तस्सवुर में गुजरने लगा!
रंग इश्क़ का हवाओं में बिखरने लगा!!

मैं ख़ुद से भी दूर होती जा रही थी!
तेरे नाम से मशहूर होती जा रही थी!!

अचानक ना जाने तुम्हें क्या होने लगा!
फूलों की राह पर कांटे कोई बोने लगा!!

मेरी आवाज भी तुम्हें अब चुभती है!!
ये सिसकियां मेरी मज़ाक लगती है!!

कैसे रहूंगी तुझ बिन कुछ तो बता दे!
ख़तावार हूं अग़र तो मुझको सज़ा दे!!

पर मैं तुझको कोई इल्ज़ाम ना दूंगी!
बेवफ़ा का भी कभी तुझे नाम ना दूंंगी!!

हो सके तो बस लौट आना एक बार!
मरने से पहले मुझे देख जाना एक बार!!

तेरी खुशहाल ज़िन्दगी की दुआ करती हूं!
हां मैं आज भी तुझसे ही प्यार करती हूं!!
~P.s