सुलगता जिस्म
जिस्म सुलगता है तेरा, जैसे
Chulhe पे rakhi कोई batuhi.
आग अंदर है बहुत मगर,
जानता कोई जैसे है ही नहीं.
देख ने वाले देख लेते हैं...
Chulhe पे rakhi कोई batuhi.
आग अंदर है बहुत मगर,
जानता कोई जैसे है ही नहीं.
देख ने वाले देख लेते हैं...