..कविता
कविता चलती है
जैसे बहती है नदी
पहाड़ों से गुजरते हुए
उतरती है
..शांत सी
कलकल बहती हुई...
...
जैसे बहती है नदी
पहाड़ों से गुजरते हुए
उतरती है
..शांत सी
कलकल बहती हुई...
...