उठना जरूरी है
बहुत हुआ ग़मो को संजोए रखना,
अश्रु की मोतियों की माला पिरोना,
यादों की बाज़ार में एक दफ़ा तू झांक कर तो देख
बढ़ गए है यूँही सब इधर कदम बढ़ा कर,
कौन है यहां याराना तेरा बता तू जरा,
किधर को थे वो सारे जो अब तलक तेरे थे ?
वक़्त की नज़ाकत है ये तो बातें सारी
यहाँ न...
अश्रु की मोतियों की माला पिरोना,
यादों की बाज़ार में एक दफ़ा तू झांक कर तो देख
बढ़ गए है यूँही सब इधर कदम बढ़ा कर,
कौन है यहां याराना तेरा बता तू जरा,
किधर को थे वो सारे जो अब तलक तेरे थे ?
वक़्त की नज़ाकत है ये तो बातें सारी
यहाँ न...