...

18 views

सोचों ज़रा....
ज़रा सा.....
आँखों के बारिश में
नहा के तों देखों ना.....
नमकीनियत के साथ-साथ
इंसानियत की बूंदे भी....
नसीब होगा तुम्हें
वो रातों को....
रंगीन करने वाली
नशीली बूँदों में कहा मिलेगा....
सोचों ज़रा....!!
© संगीता डेका ❣