तेरी मेरी दुनिया...
तू अपनी दुनिया बसा ले मैं नाराज नही हूं,
जुल्फों में गजरा सजा ले मैं नाराज नही हूँ,
हम जुगनू बनकर सुबह तलक बुझ जाएंगे,
रक़ीब को भंवरा बना ले मैं नाराज नही हूँ,
मैंने हर दम तेरी खुशियों की दुआएँ माँगी,
तू अपनी बारात बुला ले मैं...
जुल्फों में गजरा सजा ले मैं नाराज नही हूँ,
हम जुगनू बनकर सुबह तलक बुझ जाएंगे,
रक़ीब को भंवरा बना ले मैं नाराज नही हूँ,
मैंने हर दम तेरी खुशियों की दुआएँ माँगी,
तू अपनी बारात बुला ले मैं...